1- बी०टी०सी० (D.El.Ed) पाठ्यक्रम
राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा जे०बी०एस० महाविद्यालय को वर्ष 2012-13 से बी०टी०सी० (D.El.Ed) पाठ्यक्रम की मान्यता प्रदान की गई। शासन द्वारा सम्बद्धता प्रदान किए जाने के उपरांत 50 बच्चों को प्रशिक्षण देने की अनुमति प्राप्त हुई। जनवरी 2013 में बी०टी०सी० प्रशिक्षुओं की पहली सेमेस्टर परीक्षा संपन्न हुई।
2- स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम
संस्था द्वारा बलरामपुर, लखनऊ, फतेहपुर, उन्नाव जनपदों एवं देहरादून में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जुलाई से अगस्त माह तक किया गया। वर्षा ऋतु में लोगों को गंदे पानी से फैलने वाली बीमारियों और स्वच्छता के विषय में जानकारी दी गई। महिलाओं को घर में स्वच्छता बनाए रखने और पीने के पानी को किस प्रकार फिल्टर किया जाता है, इसकी जानकारी दी गई। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने के लिए समय-समय पर बच्चों को टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर दी जाने वाली डॉक्टर सलाह, नियमित जांच, खानपान की सावधानी आदि विषयों पर जानकारी प्रदान की गई।
3- पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण कार्यक्रम
पर्यावरण दिवस के अवसर पर 5 जून 2015 को बाराबंकी जिले में संस्था अध्यक्ष द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम नवगंसीपुर में किया गया और लोगों को अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया गया। शिक्षकों द्वारा किसानों को यह भी बताया गया कि प्रदेश के सूखा ग्रस्त क्षेत्रों में किसान 24 घंटे उपलब्ध टोल फ्री नंबर 1800-180-8752 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ट्रांसफार्मर की खराबी, नलकूप आदि की समस्या होने पर जल निगम की हेल्पलाइन नंबर से संपर्क कर समस्या का समाधान कराया जा सकता है। साथ ही लोगों को वर्षा ऋतु में वर्षा जल के संचयन के लिए टंकी और ट्रेंच के माध्यम से बारिश के पानी को सुरक्षित रखने और उपयोग में लाने के बारे में जानकारी दी गई।
4- अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस
12 जून 2015 को अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर संस्था द्वारा फतेहपुर, बाराबंकी, बुलंदशहर में रैली निकालकर समाज के लोगों को बच्चों से श्रम न करवाने की अपील की गई तथा लोगों को बाल श्रम से होने वाले नुकसानों के बारे में बताया गया।
क्योंकि आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं। यदि हमारी नींव ही कमजोर हो जाएगी तो घर कैसे मजबूत बनेगा? बच्चों द्वारा बाल श्रम रोकने के लिए विभिन्न नारों का भी प्रयोग किया गया जैसे –
"हमारा बचपन लौटाओ"
"हमें भी दो शिक्षा का अधिकार"
"बाल श्रम अपराध है"
"बाल श्रम मत करवाओ, मासूम फूल मत मुरझाओ"
5- कृषि जागरूकता कार्यक्रम
संस्था द्वारा बाराबंकी जिले के नरैनापुर, पुअस मऊली, जुहीदकोट आदि ब्लॉकों में मार्च माह में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षकों द्वारा किसानों को विभिन्न जानकारी प्रदान की गई। प्रशिक्षण में बताया गया कि प्रदेश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु खरिफ की फसल एवं सब्ज़ी खेती से जुड़ी उच्च योजनाओं पर सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है।
इसके अंतर्गत फसल बीज उत्पादन हेतु 45,000 रुपये प्रति किग्रा बीज में 37,000 टनल, 45,500 रुपये प्रति इकाई प्याज की खेती के लिए, 32,500 रुपये, तथा नन्दन वर्ग की फसलों की खेती के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश के 67 जिलों में यह योजना संचालित है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 हजार रुपये तक की डीजल मदद भी किसानों को दी जा रही है।
जिन किसानों की भूमि सरकार द्वारा सड़क सुविधा या नगर क्षेत्र में अधिग्रहीत की गई है और उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला है, वे जिला अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को "किसान क्रेडिट कार्ड योजना" की जानकारी दी गई और उन्हें समय पर कृषि ऋण दिलवाने का भी मार्गदर्शन किया गया। कार्यक्रम के पश्चात सभी किसानों को यूपीसडीए पैकेट भी वितरित किए गए।
6- नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, हस्तशिल्प आदि का प्रशिक्षण बाराबंकी, उन्नाव, लखनऊ व सीतापुर के ग्रामीण क्षेत्रों में दिया गया। साथ ही उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए बैंकों से जोड़ा गया और स्वयं सहायता समूह बनाने हेतु जागरूक किया गया।
7- वृद्धजन कल्याण
वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं को जानने और उनके समाधान के लिए वृद्धजन संपर्क शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें स्वास्थ्य जांच, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की जानकारी, विधिक सहायता, मानसिक स्वास्थ्य पर परामर्श जैसी सेवाएं प्रदान की गईं।
8- बालिका शिक्षा प्रोत्साहन
बालिकाओं की शिक्षा के लिए ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में अभिभावकों को प्रेरित करने हेतु अभियान चलाया गया। स्कूल न जाने वाली बच्चियों को नामांकित कराकर उन्हें यूनिफॉर्म, किताबें व स्टेशनरी सामग्री दी गई।
9- नशा मुक्ति अभियान
युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने हेतु नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रतियोगिता व जनजागरूकता रैली का आयोजन किया गया। नशा पीड़ितों को चिकित्सकीय परामर्श व पुनर्वास सेवाएं भी प्रदान की गईं।
10- स्वच्छता अभियान
गांवों व कस्बों में स्वच्छता को लेकर जनजागरूकता फैलाई गई। शौचालय निर्माण के लिए लोगों को प्रेरित किया गया व ठोस कचरा प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया गया।
11- शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार
शिक्षा को रोचक व व्यावहारिक बनाने हेतु स्मार्ट क्लास, बाल विज्ञान मेले, शैक्षिक भ्रमण आदि का आयोजन किया गया। शिक्षकों को डिजिटल शिक्षा का प्रशिक्षण दिया गया।
12- दिव्यांग सशक्तिकरण
दिव्यांगजनों को ट्राईसाइकिल, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र आदि का वितरण किया गया व उन्हें स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान की गई।
13- कोविड-19 सहायता कार्यक्रम
महामारी के दौरान मास्क, सैनिटाइज़र व राशन का वितरण किया गया। टीकाकरण हेतु पंजीकरण में सहायता प्रदान की गई एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव के उपायों पर जागरूकता फैलाई गई।